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7 Mar 2024 · 1 min read

– भूतकाल में जिसने मुझे ठुकराया वर्तमान में मेरी देख सफलता दौड़ी दौड़ी आ गई –

भूतकाल में जिसने मुझे ठुकराया वर्तमान में मेरी देख सफलता दौड़ी दौड़ी आ गई –

भूतकाल में देखकर मेरी हालत,
मेरी पीड़ा मेरी व्यथा मेरे प्यार को ठुकरा गई,
वर्तमान में देखी मेरी सफलता दौड़ी -दौड़ी आ गई,
पहले उसको चाहता था में ,
अब वो प्यार जताने आ गई,
मेरे प्यार करने के सोपान,
गरीबी , हर हाल में जो मुझे अपनाए,
इसलिए में परिक्षण में रहा फटे हाल,
मेरे उस परीक्षण में वो जीरो नंबर ला गई,
अब देखा जब मेरा वर्तमान,
देखा मेरा उज्ज्वल भविष्य और मेरी साहित्य उड़ान,
वो प्यार जताने आ गई,
करती है वो मुझसे प्यार वो मुझे बताने आ गई,
में भी सुलझा इंसान अब उसको माफ न कर पाऊं,
चाहे वो अपनी गलती माने या खुद को समझे नादान,
भरत को उसकी चालाकी की है पहचान,
गहलोत उसको तू अब मासूम न जान,
भूतकाल में जिसने मुझे ठुकराया ,
वर्तमान में मेरी देख सफलता दौड़ी – दौड़ी वो आ गई |
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
48 Views

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