भीड़ ने की एक निर्मम हत्या
भीड़ ने की एक निर्मम हत्या, एक दुख भरी कहानी है
भीड़तंत्र के भेड़ चाल की, एक जीवंत निशानी है
एक गरीब दंपत्ति बच्चे का, इलाज कराने आए
थके थकाए शहर के, चौराहे पर सुस्ताये
मचला बच्चा देख जलेबी, जोर जोर से रोया
बैठे थे वहां चार निठल्ले, बोले ये बच्चा कहां से लाया
बहुत कहा दोनों ने उनको, उनने एक न मानी
बच्चा चोर चिल्लाया, और हो गई खींचातानी
धीरे-धीरे भीड़ जुटी, सब लगे थे हाथ जमाने
जिसके हाथ में जो भी आया, दुष्ट लगे अजमाने
दंपत्ति दया की भीख मांगते, और भी ज्यादा पिटते
थे मां बेटे के करुण स्वरों को, कान न अपना देते थे
वेसुध हो कर गिरे थे दोनों, बच्चा पास पड़ा था
पुलिस आई सब भीड़ छठ गई, बाप तो मरा पड़ा था
होश आने पर मां ने थाने में, व्यथा सुनाई
सुनकर करुणा भरी कहानी, आंसू पुलिस भी रोक ना पाई