Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2022 · 1 min read

भावनाओं का दीप

भावों की भव्यता में ही
काव्य की धारा बहते हैं
सौन्दर्य की सुरम्यता में ही
रूप-माधुर्य निखरते हैं.
कविता एक प्रवाह है
भावों की अभिव्यक्ति है
मन के तार से झंकृत होकर
कथ्य कई कह देती है.
शब्द-निशब्द जब हो जाते हैं
भाव ह्रदय के बहते हैं
हर्ष-विषाद के अभिनव रूप
मधुमय गीत बनाते हैं.
कभी हताशा कभी निराशा
जब भी शोर मचाते हैं
नैनों से मोती निकलकर
काव्य की माला पिरोते हैं.
किसी समय की सुखद स्मृति
अतुलनीय सुख पहुंचाते हैं
हरे भरे नव पल्लव सा मन
पुष्पित तरु बन जाते हैं.
भाषा की परिशुद्धता
कविता में नहीं होता
भावों का स्वर लय बन कर
छंद-बद्ध बन जाता.
है यही अभिलाषा मन की
सारी पीड़ा दुःख-सुख रख दूँ
भावनाओं का दीप जलाकर
परमात्मा के सम्मुख रख दूँ.
भारती दास ✍️

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 729 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bharti Das
View all
You may also like:
एक और इंकलाब
एक और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्
जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्
Sanjay ' शून्य'
कलयुगी धृतराष्ट्र
कलयुगी धृतराष्ट्र
Dr Parveen Thakur
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरे हक़ में
तेरे हक़ में
Dr fauzia Naseem shad
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माता रानी दर्श का
माता रानी दर्श का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
*Author प्रणय प्रभात*
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
gurudeenverma198
बुद्ध के संग अब जाऊँगा ।
बुद्ध के संग अब जाऊँगा ।
Buddha Prakash
"जब आपका कोई सपना होता है, तो
Manoj Kushwaha PS
मैं तो महज तकदीर हूँ
मैं तो महज तकदीर हूँ
VINOD CHAUHAN
पिता पर एक गजल लिखने का प्रयास
पिता पर एक गजल लिखने का प्रयास
Ram Krishan Rastogi
"लोहे का पहाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
मैदान-ए-जंग में तेज तलवार है मुसलमान,
मैदान-ए-जंग में तेज तलवार है मुसलमान,
Sahil Ahmad
सियासत हो
सियासत हो
Vishal babu (vishu)
रेत सी जिंदगी लगती है मुझे
रेत सी जिंदगी लगती है मुझे
Harminder Kaur
चाय
चाय
Rajeev Dutta
खिड़कियाँ -- कुछ खुलीं हैं अब भी - कुछ बरसों से बंद हैं
खिड़कियाँ -- कुछ खुलीं हैं अब भी - कुछ बरसों से बंद हैं
Atul "Krishn"
टन टन बजेगी घंटी
टन टन बजेगी घंटी
SHAMA PARVEEN
खर्च हो रही है ज़िन्दगी।
खर्च हो रही है ज़िन्दगी।
Taj Mohammad
वादे खिलाफी भी कर,
वादे खिलाफी भी कर,
Mahender Singh
*
*"माँ वसुंधरा"*
Shashi kala vyas
जननी-अपना देश (कुंडलिया)
जननी-अपना देश (कुंडलिया)
Ravi Prakash
महिला दिवस
महिला दिवस
Surinder blackpen
बड़े हौसले से है परवाज करता,
बड़े हौसले से है परवाज करता,
Satish Srijan
"चालाक आदमी की दास्तान"
Pushpraj Anant
आज का दिन
आज का दिन
Punam Pande
Loading...