भारत माँ का एक लाल
भारत माँ का एक लाल
वीर सपूत महान
जिसका नारा था ये
जय जवान जय किसान।
था छोटी कद काठी का
व्यक्तित्व था यूँ विशाल
जनजन को ऊर्जा देकर
किया उत्साह संचार।
जीवन कष्टों को सहकर
उच्च व्यक्तित्व निर्माण
बलिदान की इक मूरत
न था कोई आडम्बर।
कंटक पथ भी किये प्रयत्न
कहलाये भारत रत्न
रहे देश खाद्दान्न संपन्न
था शास्त्री का स्वप्न।
कर्मठ,महान,युगपुरुष
पर देश को अभिमान
ऐसे ‘लाल’के जन्मदिवस
पर कोटि कोटि प्रणाम।
✍️”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक