भारत बन्द नही
भारत बन्द नही
खुला आज है
जो ख़बरें बंद होती थी
सीमा तक
उड़ रही है आज है ।
डर हुए लोग
आज खड़े हैं
सड़कों पर
ये बदलाब भी दिख रहा
आज है
बन्द विचारों का
द्वार खुला आज है ।
भारत बन्द नही
ये उड़ रहा
आज है ।
बंद खबरों को
मिले पंख आज है
कैद ख़बरों को
मिला खुला गगन
आज है ।
झूठ जो पल
रही थी वर्तमान की
कोख में
उस पर प्रहार
हुआ आज है
भारत बन्द नही
लोकतंत्र
मजबूत हो रहा आज है ।
पहाड़ों को
मिल रही चुनौती
आज है
सोया हुआ
दशरथ मांझी
उठा आज है ।
दरख्तों का
अहम धूल में
मिल रहा आज है
हल बन्द नही
जड़ खोदकर
भविष्य वो रहा
आज है ।
भारत बन्द नही
करवट ले रहा आज है ।