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24 Jan 2024 · 1 min read

बच्चे मन के सच्चे

बड़े बुढ़े, सब कहते हैं कि बच्चे होते हैं मन के सच्चे,
पर आजकल के बच्चे, सोचो हैं कितने अच्छे।
अभी तो ना देखा था सही से बचपन,
ना अंगना मे खेले, ना दोड़े मैदान मे,
ना दोस्तों के साथ लगाई होड़।
हो गए बंद घरों मे, मुहँ पर लग गए मास्क,
खेल कूद सब हो गया सीमित, मोबाइल और लैपटॉप तक।
पहले जो था शौक, छुपकर करते थे पूरा,
माँ पापा का लेकर मोबाइल,
अब तो वहीं हो गई है उनकी दुनिया और वही स्टाईल।
खो गया सारा बचपन, अब ना रहा वो लड़कपन,
कर रहे सामना हँसकर हालत का, इसको ही वो मान रहे हैं दीवानापन।
आजकल के बच्चों ने सीखा दिया, बड़ों को जीना,
हालातों से लड़ना और समझदारी से आगे बढ़ना।
सच कहते हैं बड़े बुढ़े, कि बच्चे होते हैं मन के सच्चे,
और आजकल के बच्चे, तो सच में हैं बहुत ही अच्छे।

Language: Hindi
48 Views
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