Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 2 min read

भारत के वीर जवान

बर्फ के चट्टानों पे एक हाथ
संगीन दूजे हाथ तिरंगा
रेतीले तूफानों में खड़ा बना
फौलाद देश की सीमाओं
मुश्तैद जवान।।

नयी नवेली दुल्हन कर रही
होती है इंतज़ार ईश्वर से आशीर्वाद मांगती बना रहे सुहाग।।

बूढे माँ बाप की पथराई आँखे
अपने सपूत का एकटक करती इंतज़ार।

बेटा देश की रक्षा में लम्हा लम्हा
दुश्मन से लड़ता होगा कब उसका
दीदार।।

आज सीमाओं पे जो हालात
दुश्मन कब किधर से आए
पता नहीं ।
धोखा मक्कारी का छद्म युद्ध लड़ रही है सेना हिंदुस्तान।।

माँ भारती का हर नौजवान
दुश्मन से करता पल प्रहर दो
दो हाथ ।

दुश्मन को औकात बताएं
भारत के बीर जवान।।

जय भवानी हर हर महादेव
भारत की सेना का शंख नाद।

विजयी विश्व तिरंगे की सेना
भारत की अभिमान।।

दुश्मन चाहे जितना भी हो
चालाक मक्कार।।

हिन्द की सेना चकनाचूर करती अभिमान ।

धीर धैर्य बीर गंभीर साहस
निष्ठा समर्पण पराक्रम पुरुषार्थ
हिन्द की सेना बाज़।।

शपथ तिरंगे की कफ़न तिरंगा
आन बान् सम्मान।

कर्तव्य
पथ पर बढ़ते जाना जीवन का
मूल्य मातृ भूमि की सेवा ।

दुश्मन के
लहू का अर्पण तर्पण या खुद के लहू
से बीरता की नई इबारत लिख जाना।।

नई नवेली दुल्हन भी भाग्य पर
इतराती ।

देश की खातिर मर मिटने
वाले शौहर की मर्यादा को जीवन
भर निभाती।।

गर्व से नारी गैरव की
गाथा का किस्सा हिस्सा बन जाती।।

पथराई आँखों के माँ बाप अपने
बीर सपूत पर आशीषो का देते
वरदान ।

ईश्वर से मांगते जन्मों जन्मों में देश पर मर मिटने वाली संतान।।

हिन्द की सेना हिन्द का हर एक जवान वतन की रक्षा में काल कराल विकट विकराल ।।

हिन्द का जन जन करता नमन
प्रणाम हिन्द की सेना हिन्दुस्तान
की गौरव गाथा की शान स्वाभिमान।।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर

Language: Hindi
69 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
फूल अब शबनम चाहते है।
फूल अब शबनम चाहते है।
Taj Mohammad
ग़ज़ल __पी लिया है जाम ए कौसर ,दिल नहीं लगता कहीं ,
ग़ज़ल __पी लिया है जाम ए कौसर ,दिल नहीं लगता कहीं ,
Neelofar Khan
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
दीपक झा रुद्रा
चरम सुख
चरम सुख
मनोज कर्ण
आवारा बादल फिरें,
आवारा बादल फिरें,
sushil sarna
"राजनीति में जोश, जुबाँ, ज़मीर, जज्बे और जज्बात सब बदल जाते ह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
स्नेहों की छाया में रहकर ,नयन छलक ही जाते हैं !
स्नेहों की छाया में रहकर ,नयन छलक ही जाते हैं !
DrLakshman Jha Parimal
Wishing you a Diwali filled with love, laughter, and the swe
Wishing you a Diwali filled with love, laughter, and the swe
Lohit Tamta
जीवन की जटिलताओं को छोड़कर सरलता को अपनाना होगा।
जीवन की जटिलताओं को छोड़कर सरलता को अपनाना होगा।
Ajit Kumar "Karn"
2789. *पूर्णिका*
2789. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी कुछ भी फैसला दे दे ।
ज़िंदगी कुछ भी फैसला दे दे ।
Dr fauzia Naseem shad
चलो हम सब मतदान करें
चलो हम सब मतदान करें
Sonam Puneet Dubey
गीत- चले आओ मिले तुमसे...
गीत- चले आओ मिले तुमसे...
आर.एस. 'प्रीतम'
* बढ़ेंगे हर कदम *
* बढ़ेंगे हर कदम *
surenderpal vaidya
राम तुम्हारे नहीं हैं
राम तुम्हारे नहीं हैं
Harinarayan Tanha
मै थक गया
मै थक गया
भरत कुमार सोलंकी
उम्र के हर पड़ाव पर
उम्र के हर पड़ाव पर
Surinder blackpen
तुम्हारे ख्यालों डूबे
तुम्हारे ख्यालों डूबे
हिमांशु Kulshrestha
"किताबों में उतारो"
Dr. Kishan tandon kranti
मौत का डर
मौत का डर
अनिल "आदर्श"
जिनके बिन घर सूना सूना दिखता है।
जिनके बिन घर सूना सूना दिखता है।
सत्य कुमार प्रेमी
■ ग़ज़ल (वीक एंड स्पेशल) -
■ ग़ज़ल (वीक एंड स्पेशल) -
*प्रणय*
मस्ती का त्योहार है होली
मस्ती का त्योहार है होली
कवि रमेशराज
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
प्यासी कली
प्यासी कली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
Neeraj Agarwal
मेरे कुछ मुक्तक
मेरे कुछ मुक्तक
Sushila joshi
मत भूल खुद को!
मत भूल खुद को!
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
मययस्सर रात है रोशन
मययस्सर रात है रोशन
कवि दीपक बवेजा
मुक्ति
मुक्ति
Shashi Mahajan
Loading...