Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2017 · 1 min read

भाम छ्न्द

भाम छंद◆*
विधान~
[ भगण मगण सगण सगण सगण]
( 211 222 112, 112 112)
15 वर्ण, यति 9-6 वर्णों पर,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]

बारिश सारी रात जमी,तन भीग गया।
साजन मेारे साथ नही, मन रीत गया।
सावन सूखा बीत गया, कब नीर बहा।
रात गुजारी रोेकर के, सब पीर सहा।

भोर भई आखे मसली, तन आकुल था।
सूज रही आंखे रगड़ी,मन बोझिल था।

काम करूँ भारी मन से, मन आहत सा।
चैन गया सैया सह (संग)में,तन घायल सा।

Language: Hindi
1 Like · 938 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत  का खौफ।
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत का खौफ।
Ashwini sharma
23)”बसंत पंचमी दिवस”
23)”बसंत पंचमी दिवस”
Sapna Arora
अनोखा बंधन...... एक सोच
अनोखा बंधन...... एक सोच
Neeraj Agarwal
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ
महादान
महादान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
നീപോയതിൽ-
നീപോയതിൽ-
Heera S
गम के दिनों में साथ कोई भी खड़ा न था।
गम के दिनों में साथ कोई भी खड़ा न था।
सत्य कुमार प्रेमी
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
VINOD CHAUHAN
"लोग करते वही हैं"
Ajit Kumar "Karn"
श्याम तुम्हारे विरह की पीड़ा भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम तुम्हारे विरह की पीड़ा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
शब्द क्यूं गहे गए
शब्द क्यूं गहे गए
Shweta Soni
तिमिर है घनेरा
तिमिर है घनेरा
Satish Srijan
जिंदगी का एकाकीपन
जिंदगी का एकाकीपन
मनोज कर्ण
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
..
..
*प्रणय*
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कौन है ऐसा चेहरा यहाँ पर
कौन है ऐसा चेहरा यहाँ पर
gurudeenverma198
मेरी मायूस सी
मेरी मायूस सी
Dr fauzia Naseem shad
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
Ritu Asooja
चंदन का टीका रेशम का धागा
चंदन का टीका रेशम का धागा
Ranjeet kumar patre
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव "अजल"
लवकुश यादव "अज़ल"
प्रतिशोध
प्रतिशोध
Shyam Sundar Subramanian
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
Atul "Krishn"
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
**!! अलविदा दीपावली !!*
**!! अलविदा दीपावली !!*"
AVINASH (Avi...) MEHRA
ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
Neelofar Khan
3020.*पूर्णिका*
3020.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*शिक्षक जिम्मेदार, देश का धन है असली (कुंडलिया )*
*शिक्षक जिम्मेदार, देश का धन है असली (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
"काश"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...