भाम छ्न्द
भाम छंद◆*
विधान~
[ भगण मगण सगण सगण सगण]
( 211 222 112, 112 112)
15 वर्ण, यति 9-6 वर्णों पर,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]
बारिश सारी रात जमी,तन भीग गया।
साजन मेारे साथ नही, मन रीत गया।
सावन सूखा बीत गया, कब नीर बहा।
रात गुजारी रोेकर के, सब पीर सहा।
भोर भई आखे मसली, तन आकुल था।
सूज रही आंखे रगड़ी,मन बोझिल था।
काम करूँ भारी मन से, मन आहत सा।
चैन गया सैया सह (संग)में,तन घायल सा।