भाई हो तो कृष्णा जैसा
रक्षा बंधन विशेष—-
भाई हो कृष्णा जैसा
बहना की चाह रहा विश्वासों जैसा
भाई बहन का प्यार कृष्ना और सुभद्रा जैसा।।
बचपन की अठखेली ठिठोली
संग साथ जीवन की शक्ति जैसा
बहना की मर्यादा रक्षक सिंह काल
गर्जन जैसा।।
नन्ही परी बाबुल घर अंगना
भाई बड़ा या हो छोटा धूप
छांव में स्वर सम्बल जैसा।।
भाई बहना का रिश्ता जीवन की
सच्चाई का सच्चा रिश्ता
माँ बापू की प्यार परिवश भाई
की संस्कृतियों जैसा।।
भाई तो ऊम्मीद अरमंनो का मान
जीवन के संघर्षों में शत्र शास्त्र हथियारों जैसा ।।
भाई बहन का प्यार सांस्कार
अक्षय अक्षुण भाई धन्य धान्य
बहना अस्मत आभूषण जैसा।।
भाँवो के गागर का सागर भाई
बहना की खुशियां भाई बहना के
सुख दुःख में भाई दुनियां के मौलिक
मूल्यों जैसा।।
कच्चे धागे का बंधन रिश्तो का
अभिमान भाई बहन दुनियां में
दो दामन एक प्राण जैसा।।
भाई की कलाई पे बहना
कच्चे धागे को बांध जीवन आश्वस्त
जीवन की खुशियाँ उपहारों जैसा।।
भाई बहन का रिश्ता संकल्पों का
रिश्ता जीवन समाज स्वार्थ से ऊपर
जीवन के आदर्शो जैसा।।
बलदाऊ कृष्ण सुभद्रा जय
जगन्नाथ जग पालक के अविनि
जीवन की मर्यादाओं जैसा।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीतांम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश