भाई दूज
✒️?जीवन की पाठशाला ?️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की गोवर्धन के अगले दिन भाई दूज मनाई जाती है. यह भाई-बहन के प्रेम का त्योहार है जो कि बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. भाई-दूज के दिन भाई-बहन हर सुख-दुख में साथ निभाने का वादा करते हैं. भाई दूज को यम द्वितिया के नाम से भी जाना जाता है…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की पौराणिक मान्यता है कि इस दिन बहन यमुना शादी के बाद भाई को घर बुलाती है तो भाई यमराज कार्तिक शुक्ल की द्वितीया को बहन के घर जाता है. खुशी में बहन भाई का खूब आदर-सत्तकार करती है. भाई के माथे पर तिलक कर उसकी लंबी आयु की कामना करती है. उसी दिन से हर साल ये त्योहार मनाया जाता है…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से भाइयों और बहनों को जीवन भर यम का भय नहीं रहता. तिलक से पहले यम और यमुना की पूजा की जाती है. कथा पढ़ी-सुनी जाती है. इसके बाद यमुना जी की आरती उतारी जाती है…,
आखिर में एक ही बात समझ आई की भाई दूज पर टीका करते समय बहन को भाई के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए:-
गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें।।
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान