*भले प्रतिकूल हो मौसम, मगर हँसकर उसे सहना 【मुक्तक】*
भले प्रतिकूल हो मौसम, मगर हँसकर उसे सहना 【मुक्तक】
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भले प्रतिकूल हो मौसम, मगर हँसकर उसे सहना
समस्याएँ अगर सम्मुख हैं, तो संघर्षरत रहना
तुम्हें मालूम है जीवन में, कुछ शाश्वत नहीं होता
रुका तालाब रहता है ,नदी का अर्थ है बहना
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर(उ.प्र.)9997615451