भरोसा
हर समय यूं न रूठ जाया कर
कभी-कभी खुद को भी मनाया कर
माना लाख कारण है तेरे रूठ जाने के
फिर भी सब भूल कर
अपने लिए भी जश्न मनाया कर।
छोटी सी इस जिंदगी में मुश्किलें हजार हैं,
क्या छोड़ दूं?
कैसे मनचाही पा लूं
बस इतनी तकरार है ।
कोई बैठा है तेरे लिए भी
तू इतना विश्वास कर
भरोसा रख और
वक्त के साथ चल तू
मंजिल तेरे कदमों में होगी
वक्त को ना आजमाया कर।