सुरसा-सी नित बढ़ रही, लालच-वृत्ति दुरंत।
ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार,
बेगुनाह कोई नहीं है इस दुनिया में...
*सजती हाथों में हिना, मना तीज-त्यौहार (कुंडलिया)*
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
💐प्रेम कौतुक-343💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कीमत क्या है पैमाना बता रहा है,
जीवन डगर पहचान चलना वटोही
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
लोकतंत्र
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हिन्दी दोहा -जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल