Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2024 · 1 min read

भद्रकाली

इन्द्रावती-गोदावरी का संगम स्थल
भद्रकाली जिसका नाम,
छत्तीसगढ़-आंध्र-महाराष्ट्र की त्रिकुटी
मेले से भी होती पहचान।

राजा अन्नमदेव द्वारा स्थापित यहाँ
माँ भद्रकाली की प्रतिमा,
भोपालपट्टनम से बारह मील दूरी पर
हरियाली लगती मनोरमा।

बसन्त पंचमी को लगते हर बरस
भव्य त्रि-दिवसीय मेले,
बहुत दूर-दूर से आते लोग यहाँ पर
पर्व होते अलबेले।

तीसरे दिन का उत्सव यहाँ खास
‘बोनाल’ कहलाते,
हल्दी-कुमकुम से सजे-धजे घड़े
दोहराकर रखे जाते।

खीर, खिचड़ी और सब्जी रहती
तीनों घड़े के अन्दर,
मन्दिर की परिक्रमा पश्चात खाते
सारे लोग जुरमिल कर।

हरेक तीन बरस अन्तराल में होता
अग्नि प्रज्जवलन पर्व,
खुले पाँव अग्नि में चलकर भक्तगण
खुद पर करते गर्व।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
2702.*पूर्णिका*
2702.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देखकर आज आदमी की इंसानियत
देखकर आज आदमी की इंसानियत
gurudeenverma198
आम की गुठली
आम की गुठली
Seema gupta,Alwar
पंचांग (कैलेंडर)
पंचांग (कैलेंडर)
Dr. Vaishali Verma
16.5.24
16.5.24
sushil yadav
मिथक से ए आई तक
मिथक से ए आई तक
Shashi Mahajan
"सच के खिलाफ विद्रोह करते हैं ll
पूर्वार्थ
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
Ranjeet kumar patre
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.?
मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.?
पंकज परिंदा
चीरता रहा
चीरता रहा
sushil sarna
कितनी मासूम
कितनी मासूम
हिमांशु Kulshrestha
न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार।
न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार।
ओसमणी साहू 'ओश'
पिता के जाने के बाद स्मृति में
पिता के जाने के बाद स्मृति में
मधुसूदन गौतम
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"खामोशी"
Dr. Kishan tandon kranti
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
लोग बंदर
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*चिड़िया और साइकिल (बाल कविता)*
*चिड़िया और साइकिल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
अरशद रसूल बदायूंनी
मतवाला मन
मतवाला मन
Dr. Rajeev Jain
मैंने अपनी तन्हाई में
मैंने अपनी तन्हाई में
Chitra Bisht
धर्मांध
धर्मांध
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ये ज़िन्दगी है आपकी
ये ज़िन्दगी है आपकी
Dr fauzia Naseem shad
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
..
..
*प्रणय प्रभात*
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राकेश चौरसिया
20. सादा
20. सादा
Rajeev Dutta
Loading...