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12 May 2024 · 1 min read

भटक ना जाना मेरे दोस्त

भटक ना जाना मेरे दोस्त तुम इन जिंदगी की राहों में
राहों में मिलेंगे यहां तुम्हे कई कांटे कई फूल भी

जमाना खराब बहुत है लोग लाजवाब बहुत है
राहों में मिलेंगे यहां तुम्हें कई अच्छे कई बुरे लोग भी

जिंदगी नाजुक बहुत है मेरे दोस्त
रुख कब किस ओर ले पता नहीं किसी को

आयेंगे कई पड़ाव ऐसे तेरी जिंदगी में मेरे दोस्त
जिस पर चलकर लक्ष्य अपना तुम्हें बनाना है

बदलती रंग बहुत है ज़िंदगी मेरे दोस्त
मत रंग जाना तुम उन रंगों में जो तुम्हें खराब करें

अहम पहली है ये जिंदगी मेरे दोस्त
सुलझा कर जिसे तुम्हें नाम अपना बनाना हैं

भटक ना जाना मेरे दोस्त
जो तुम्हें बर्बाद करें लाचार करें
उन राहों पर चलने को जो तुम्हें खराब करें

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