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14 Jun 2023 · 1 min read

भजन

कौशलनंदन रघुनाथ हरि, तुम ही एकनाथ हमारे हो।
यदुनंदन के यदुनाथ हरि, तुम गोकुलनाथ हमारे हो।
युग क्रम परिवर्तन कर राघव, राधे माधव राधे माधव
हे गुरुकुल के अतिउपकारी, तुम ही श्रीनाथ हमारे हो।
हे अजर अमर हे अविनाशी, हे अटल सत्य घट घटवासी
हे बृज किशोर हे बृजनंदन, तुम्ही बृजनाथ हमारे हो।
करुणा के सागर हे दयानिधे, हे परम पुरुष हे जगत्यपते
हे चरण तीर्थ गर्राज गिरि, तुम जगन्नाथ हमारे हो।
हे वैंकट श्यामल सांवरिया, हे धनुधारी हे गिरधारी
हे बांके बिहारी हे विट्ठलनाथ, तुम पंढरीनाथ हमारे हो।

मनमोहन लाल गुप्ता, अंजुम
9927140483

Language: Hindi
67 Views
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