Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2024 · 1 min read

“बोझिल मन ”

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
=================
करूँ क्या मैं बताओ तुम कोई कविता नहीं बनती
किसी को देखता हूँ तो नज़र मेरी नहीं टिकती
कभी मैं फिल्म को देखूँ सभी नीरस मुझे लगते
सुनू जब गीत लोगों के सभी बेढ़ब मुझे लगते
अज़ब है हाल यह मेरा नहीं संगीत सुनता हूँ
सभी के धुन ही फीके हैं घूटन महसूस करता हूँ
कहाँ है ज्ञान लोगों में सभी आपस में लड़ते हैं
करे संघार मानव का करोड़ों भूखे मरते हैं
सभी हैं लिप्त युद्धयों में कई हथियार देते हैं
नहीं है दूत शांति का सभी व्यापार करते हैं
मचा विध्वंस का नाट बच्चे यहाँ रोज मरते हैं
नहीं चिंता है लोगों को पीड़ित सब कैसे जीते हैं
सहते दंश मौसम का ना कार्बन रोक पाते हैं
भला है किसको यह चिंता उत्सर्जन जम के करते हैं
पर्वत ,पेड़ , झरने को जब हम नष्ट करते हैं
हमें अभिशाप यह देते और हमको कष्ट देते हैं
करूँ क्या मैं बताओ तुम कोई कविता नहीं बनती
किसी को देखता हूँ तो नज़र मेरी नहीं टिकती !!
=================
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका ,
झारखंड
भारत
24.06.2024

Language: Hindi
18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जंगल ये जंगल
जंगल ये जंगल
Dr. Mulla Adam Ali
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
Lokesh Sharma
आदित्य(सूरज)!
आदित्य(सूरज)!
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
दौर ऐसा हैं
दौर ऐसा हैं
SHAMA PARVEEN
#एक_और_बरसी
#एक_और_बरसी
*प्रणय प्रभात*
"घर घर की कहानी"
Yogendra Chaturwedi
A Departed Soul Can Never Come Again
A Departed Soul Can Never Come Again
Manisha Manjari
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
कबीर ज्ञान सार
कबीर ज्ञान सार
भूरचन्द जयपाल
शबनम छोड़ जाए हर रात मुझे मदहोश करने के बाद,
शबनम छोड़ जाए हर रात मुझे मदहोश करने के बाद,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
जगदीश लववंशी
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
DrLakshman Jha Parimal
चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)
चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)
Vinit kumar
"जीवन का आनन्द"
Dr. Kishan tandon kranti
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
Dr. Man Mohan Krishna
कोई मरहम
कोई मरहम
Dr fauzia Naseem shad
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
Bhupendra Rawat
काली छाया का रहस्य - कहानी
काली छाया का रहस्य - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
Shweta Soni
है कुछ पर कुछ बताया जा रहा है।।
है कुछ पर कुछ बताया जा रहा है।।
सत्य कुमार प्रेमी
2862.*पूर्णिका*
2862.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डूबता सुरज हूँ मैं
डूबता सुरज हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
विकृत संस्कार पनपती बीज
विकृत संस्कार पनपती बीज
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
राम तुम्हारे नहीं हैं
राम तुम्हारे नहीं हैं
Harinarayan Tanha
*पैसा ज्यादा है बुरा, लाता सौ-सौ रोग*【*कुंडलिया*】
*पैसा ज्यादा है बुरा, लाता सौ-सौ रोग*【*कुंडलिया*】
Ravi Prakash
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
शेखर सिंह
*दादी चली गई*
*दादी चली गई*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
Loading...