“बेहतर दुनिया के लिए”
“बेहतर दुनिया के लिए”
एक बेहतर और समन्वयवादी दुनिया के निर्माण के लिए हमें अपने अहंकार, स्वार्थ, घृणा एवं लोभ पर अंकुश लगाना होगा। भले ही विभिन्न जातियों, धर्मों, सम्प्रदायों के रूप में हमारी पहचान अलग-अलग है, हमारी संस्कृतियाँ एवं जीवन-शैली में भिन्नता है। लेकिन यह कभी न भूलें कि हम सभी एक ही पृथ्वी के वासी हैं और एक ही मानव जाति के सदस्य हैं।