Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2016 · 1 min read

बेशक इसको वक्त कहिये

बेशक इसको वक्त कहिये
या लेखनी ,सशक्त कहिये
********************
जो भी हूँ नजर आपकी हूँ
बेशक मिली बेवक्त कहिये
********************
कपिल कुमार
13/11/2016

Language: Hindi
217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
औरत
औरत
नूरफातिमा खातून नूरी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
-- मौत का मंजर --
-- मौत का मंजर --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
ए जिंदगी ,,
ए जिंदगी ,,
श्याम सिंह बिष्ट
सफलता का मार्ग
सफलता का मार्ग
Praveen Sain
प्रथम मिलन
प्रथम मिलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मौन
मौन
लक्ष्मी सिंह
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
Ram Krishan Rastogi
दरमियाँ
दरमियाँ
Dr. Rajeev Jain
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
मन मर्जी के गीत हैं,
मन मर्जी के गीत हैं,
sushil sarna
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
🚩जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए
🚩जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
अपनी शान के लिए माँ-बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं
अपनी शान के लिए माँ-बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं
gurudeenverma198
नारी शक्ति.....एक सच
नारी शक्ति.....एक सच
Neeraj Agarwal
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*थोड़ा समय नजदीक के हम, पुस्तकालय रोज जाऍं (गीत)*
*थोड़ा समय नजदीक के हम, पुस्तकालय रोज जाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
"शोर"
Dr. Kishan tandon kranti
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
ruby kumari
कन्यादान
कन्यादान
Mukesh Kumar Sonkar
"तेरी यादों ने दिया
*Author प्रणय प्रभात*
इश्क की पहली शर्त
इश्क की पहली शर्त
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कोरोना का संहार
कोरोना का संहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आ गए आसमाॅ॑ के परिंदे
आ गए आसमाॅ॑ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
Shiva Awasthi
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
Pakhi Jain
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
जमाने में
जमाने में
manjula chauhan
सत्य न्याय प्रेम प्रतीक जो
सत्य न्याय प्रेम प्रतीक जो
Dr.Pratibha Prakash
Loading...