बेवफ़ा हो न जाना
बना ही दिया तुमने दिल को दिवाना।
मैं दिल की कहूँ तो खफा हो न जाना।
हैं दिलदार मुझसे भी बेहतर जहां में,
किसी और की दिलरुबा हो न जाना।
तुम्हें प्यार बेइन्तहा मैं करूँगा,
वशर्ते कि तुम बेवफ़ा हो न जाना।
कभी रूप का तुम न सिंगार करना,
भटक जाऊँगा कहकशाँ हो न जाना।
दर्द तुमने दिया , जां से प्यारा हुआ है,
गुज़ारिश है तुमसे दवा हो न जाना।
संजय नारायण