Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

“बेरोजगार या दलालों का व्यापार”

बेरोजगार या दलालों का व्यापार

_____________________________

सतद्वीपों की मैं इकलौती ज्ञानी बेरोज़गार

अड़ी हूँ हठ कर, सुनले चौकीदार!

काला अक्षर भैंस बराबर भले देख डर जाती हूँ

न किया कभी प्रयास

लेकिन, सपना जज कलक्टर

या बनवा दो मुख्यमंत्री बिहार।

चच्चा -पप्पा काम न आये न पूछा परिवार

गोद लिया है टोंटी वाला

साथ खड़ा है खुजलीवाल,

अब मान लो सारी शर्तें मेरी

बरना भाँट मैं बन जाऊँगी

हिल जाएगी कुर्सी तेरी ऐसे गीत मैं गा दूँगी।

का बा का बा रटते-रटते हो गयी हूँ लाचार

मैं बेचारी बूढ़ी हो गयी बित गये पूरे चार

पुनः चुनाव सिर चढ़ आइ

फिर भी डरी नहीं सरकार

सतद्वीपों की मैं इकलौती सोंच-सोंच परेशान

ढूँढूँ कौन नया हथियार ॥

स्वरचित

मुक्ता रश्मि (बिहार)

Language: Hindi
101 Views
Books from Mukta Rashmi
View all

You may also like these posts

मिल नहीं सकते
मिल नहीं सकते
Dr fauzia Naseem shad
वो जहां
वो जहां
हिमांशु Kulshrestha
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गवर्नर संस्था
गवर्नर संस्था
Dr MusafiR BaithA
सिर्फ़ तुम्हें सुनाना चाहता हूँ
सिर्फ़ तुम्हें सुनाना चाहता हूँ
Shreedhar
मैं क्या खाक लिखती हूँ ??
मैं क्या खाक लिखती हूँ ??
MUSKAAN YADAV
कपड़ों की तरहां मैं, दिलदार बदलता हूँ
कपड़ों की तरहां मैं, दिलदार बदलता हूँ
gurudeenverma198
मुझे लगता था —
मुझे लगता था —
SURYA PRAKASH SHARMA
दहेज ना लेंगे
दहेज ना लेंगे
भरत कुमार सोलंकी
बरसातो का मौसम
बरसातो का मौसम
Akash RC Sharma
मनुज न होता तो ऐसा होता
मनुज न होता तो ऐसा होता
उमा झा
विशाल अजगर बनकर
विशाल अजगर बनकर
Shravan singh
"बेखुदी "
Pushpraj Anant
..
..
*प्रणय*
आखिर क्यों?
आखिर क्यों?
Rekha khichi
अबूजा और शिक्षा
अबूजा और शिक्षा
Shashi Mahajan
Preschool Franchise in India - Alphabetz
Preschool Franchise in India - Alphabetz
Alphabetz
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
तुम मेरी प्रिय भाषा हो
तुम मेरी प्रिय भाषा हो
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"हालात"
Dr. Kishan tandon kranti
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल की हसरत
दिल की हसरत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वह कौन शख्स था
वह कौन शख्स था
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शीर्षक -घर
शीर्षक -घर
Neeraj Agarwal
* नई दृष्टि-परिदृश्य आकलन, मेरा नित्य बदलता है【गीतिका】*
* नई दृष्टि-परिदृश्य आकलन, मेरा नित्य बदलता है【गीतिका】*
Ravi Prakash
देख परीक्षा पास में
देख परीक्षा पास में
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कुछ रिश्ते कांटों की तरह होते हैं
कुछ रिश्ते कांटों की तरह होते हैं
Chitra Bisht
तुझसे दिल लगाने के बाद
तुझसे दिल लगाने के बाद
डॉ. एकान्त नेगी
मोबाइल के बाहर
मोबाइल के बाहर
Girija Arora
Loading...