जूझ रहा था तालाब पानी के अभाव में।
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
उनको शौक़ बहुत है,अक्सर हीं ले आते हैं
** लोभी क्रोधी ढोंगी मानव खोखा है**
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
ग़ज़ल _क़सम से दिल में, उल्फत आ गई है ।
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
तुमसे एक पुराना रिश्ता सा लगता है मेरा,
कुछ ये हाल अरमान ए जिंदगी का
है शिव ही शक्ति,शक्ति ही शिव है
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर