बेमौसम बारिश और किसान
बेमौसम बरसात, जब भगवान है कराता
घर के अंदर बैठ कटी हुई फ़सल, बहते हुए है देखता
बेमौसम ओले, जब भगवान है गिराता
घर के अंदर बैठ फ़सल, बर्बाद होते हुए है देखता
बेमौसम बाढ़, से जब भगवान है डराता
घर के अंदर बैठ फसल, डूबते हुए है देखता
किसानों के उगाए फसलों पर, भगवान भी नही है रहम खाता
इतना होने के बाद भी राजनेताओं, को कोई फर्क नही हैं पड़ता
किसान मौन है, मायूस है, व्याकुल है, और बेचैन भी
इसके बावजूद अपने ज़मीर का, ना ही किया है कोई समझौता
यह भारत का किसान है
ना तो टूटा है
ना तो बिखरा है
ना ही हिम्मत है हारा
यह भारत का किसान है जो
ना तो बेमौसम बाढ़, बरसात या ओले से है घबराता
यह भारत का किसान है।
©✍️ शशि धर कुमार