बेमिसाल इतिहास
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारत ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। सन् 1991 में वैश्विक मन्दी के दौर में नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत के गिरते साख को उदारीकरण की नीति के तहत बचाया था। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंच का विश्वास लौटा था।
प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए (2004-2014) उनकी नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक बार फिर आर्थिक संकट से उबारा। वर्ष 2008 में अमेरिका में मन्दी का व्यापक असर हुआ। इस वैश्विक मन्दी के दौरान दुनिया भर के लाखों लोगों को अपनी नौकरी गँवानी पड़ी। शेयर मार्केट औंधे मुँह गिर गया।
ऐसे नाजुक दौर में डॉ. मनमोहन सिंह के फैसलों ने न केवल भारत को आर्थिक मन्दी से बचाया, वरन् शेयर बाजार को सम्हालने में भी मदद की थी। इससे आर्थिक संकट की आँच भारत की अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ सकी। वास्तव में डॉ. मनमोहन सिंह विश्वरत्न थे। वे भारतीय इतिहास के ऐसे बेमिसाल पन्ने हैं, जिनका मूल्य सदियों तक कम नहीं होगा।
डॉ. मनमोहन सिंह अर्थशास्त्र के उन दिग्गजों में से एक थे, जो भारत के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और योजना आयोग के प्रमुख भी रहे। वे अत्यन्त सरल और सौम्य व्यवहार के थे। 27 दिसम्बर 2024 को 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। ऐसे शख्स सदियों में एकाध जनमते हैं। डॉ. मनमोहन सिंह की मनमोहनी और विश्वमोहिनी छवि को हमारा शत शत नमन्,,,💐
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।