बेटी
बेटियाँ
========
जिद्दी हठीली होती है बेटियाँ ,
नटखट छैल छबीली होती है बेटियाँ ,
नाजुक सी पंख होती है वह,
पापा की लाडली होती है बेटियाँ।
बहुत बातुनी होती है बेटियाँ,
सदा मुस्कान भरती है बेटियाँ,
उनकी इच्छा पूरी न होती तो,
झट से रूठ जाती है बेटियाँ।
भाग्य नहीं सौभाग्य होती है बेटियाँ,
मान नहीं सम्मान होती है बेटियाँ,
संस्कार से पलती बढ़ती है वह,
तभी तो ऊंची उड़ान भरती है बेटियाँ।
लक्ष्मी दुर्गा सावित्री होती है बेटियाँ,
द्रौपदी प्रतिभा ममता होती है बेटियाँ,
संघर्षों से जूझकर आगे वह,
देश की शान बढ़ाती है बेटियाँ।
====================
डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” ✍️✍️