Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 2 min read

बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👸👰🙋

बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर❤️❤️
👰 👸 🌹 🌺 💃 🙋

बेटी पा बाप कल्पना करता
मैं वह खुश किस्मत वाला
लक्ष्मी रूप बेटी को पाला

सुनहरा सपना संजोया
नव तरू की नवपल्लव बेटी

पल पढ़ बढ़ एक दिन सच्चा
ईमानदार वफ़ादार नागरिक

बेटी मेरी एक अफसर बनेगी
निज बेटी देश की बेटी

राष्ट्र रक्षक की ढाल बनेगी
सपना पूरी जरूर करेगी

उड़न परी सी बेटी होगी
सपनों का संसार बनेगी

परिवार समान देश का
पथ निर्देशक पदभार लेगी

दुःख संकट में संकल्प से
चक्रवात भंवर पतवार बनेगी

निज परिश्रम को लगा
पथ रोड़े हटा राह बनेगी

पढ लिख बेटी नाम करेगी
बेटी नभ उड़ान भरेगी

कर्मवीर निड़र भारत माँ
की कर्मठ परहरेदार बनेगी

वन्दे मातरम का पाठ पढ़ेगी
तन मन धन से जन गण मन

पहले देश हित दूजा निज हित
तब राष्ट्र देश विकास करेगी

खाली कुर्सी देख बेटी का
बैठन का इंतजार करेगी

सीमाहीन क्षितिज में बेटी
परिंदो सी उड़ान भरेगी

दुःख भंवर पतवार बनेगी
मत्स्य नौका विहार करेगी

प्रेरणा तस्वीर की खुली किताब
ज्योति दीप दिवाली उत्सव की

नव नायिका अवश्य बनेगी
बेटी पढ़ाओ देश बचाओं

भारत मान जग फैलाऐगी
बेटी को सम्मान दिलाऐगी

बेटा बेटी की मानसिक दूरी
मिटा समानता लाऐगी

पढ़ लिख आगे बढ कर
नारी मान वेमिशाल बनेगी

देश धर्म अभिमान बनेगी
मां बाप का सम्मान बढेगी

जीवन जीने की आस बनेगी
पर बेटी की इक छोटी गलती

माॅ बाप की परेशान बनेगी
बाप का सपना टूट बिखर

बाप जीवन की ढलान बनेगी
कुल खानदान समाज देश का

अभिशाप बनेगी उलझन से उलझ
बाप पतझड़ सी बंधन वाड़ बनेगी

बेटी की उडन खटोला होगी पर
बाप जीवन का ढलान बनेगी
❤️❤️🌻🌻💃❤️❤️

तारकेशवर प्रसाद तरुण

Language: Hindi
5 Likes · 1 Comment · 240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all

You may also like these posts

*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
Ravi Prakash
ख़ुद से ही छिपा लेता हूं बातें दिल के किसी कोने में,
ख़ुद से ही छिपा लेता हूं बातें दिल के किसी कोने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सपनों का ताना बना बुनता जा
सपनों का ताना बना बुनता जा
goutam shaw
खो गए हैं ये धूप के साये
खो गए हैं ये धूप के साये
Shweta Soni
"की टूटे हुए कांच की तरह चकना चूर हो गया वो
पूर्वार्थ
देखना ख़्वाब
देखना ख़्वाब
Dr fauzia Naseem shad
चिंतन का विषय अशिक्षा की पीड़ा,, बेटा बचाओ
चिंतन का विषय अशिक्षा की पीड़ा,, बेटा बचाओ
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
इश्क का तोता
इश्क का तोता
Neelam Sharma
जब तक था मेरे पास धन का खजाना। लगा था लोगो का आना जाना।
जब तक था मेरे पास धन का खजाना। लगा था लोगो का आना जाना।
Rj Anand Prajapati
"" *अहसास तेरा* ""
सुनीलानंद महंत
तुम मेरे हम बन गए, मैं तु्म्हारा तुम
तुम मेरे हम बन गए, मैं तु्म्हारा तुम
Anand Kumar
" हद "
Dr. Kishan tandon kranti
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
DrLakshman Jha Parimal
प्रेम
प्रेम
Rambali Mishra
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
शान तिरंगा
शान तिरंगा
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
पैमाना सत्य का होता है यारों
पैमाना सत्य का होता है यारों
प्रेमदास वसु सुरेखा
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
*धरती माँ*
*धरती माँ*
Pallavi Mishra
अंदर की बारिश
अंदर की बारिश
अरशद रसूल बदायूंनी
*खुद की खोज*
*खुद की खोज*
Shashank Mishra
काग़ज़ो के फूल में ख़ुशबू कहाँ से लाओगे
काग़ज़ो के फूल में ख़ुशबू कहाँ से लाओगे
अंसार एटवी
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
Keshav kishor Kumar
फिर कोई मिलने आया है
फिर कोई मिलने आया है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
Phool gufran
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
उदास देख कर मुझको उदास रहने लगे।
उदास देख कर मुझको उदास रहने लगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
छुअन..
छुअन..
Vivek Pandey
मेरी संवेदनाएं
मेरी संवेदनाएं
Shalini Mishra Tiwari
Loading...