बेटियां
बेटियां
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सूरज का प्रकाश, चांद का चेहरा
हैं बेटियां ।
जुगनू है , तितलियां हैं
पिता की जान है बेटियां।
मां की गोद को, फूलों का आंचल
सा समझती है वो
मां की शान ,और प्यारी होती है बेटियां।
दो कुलों पर राज करती,
सबका अभिमान है होती।
प्रीत के बंधन से,दो कुल को जोड़ती
हैं बेटियां —-
भाई की दुलारी और नटखट बहना,
करती हैं सब प्यार न्योछावर भाई पर,
ऐ ! अनमोल है बहन बेटियां —
इनसे ही पुराण हैं, कुरान और इनसे ही
रामायण और गीता है।
परिवार का अभिमान और देश का
सम्मान होती हैं बेटियां ——-
सुषमा सिंह*उर्मि,,