बेटियां
बेटियां
विधा चौपाई
है बेटियां बहुत जग लुभाविनी।
बहु – बेटी बन घर सुहाविनी।।
सभी तरह से पूर्ण कामा।
जगत में उच्च आसन थामा।।
है अति विकट काम कर डाले।
आ देश की बाग संभाले ।।
कभी पवन पार शशि छु आवे।
कभी सप्त जलधि लांघ आवे।।
बन मां ममता करे उजागर।
बन प्रीतम की छलके गागर।।
सुख-दुख चाहे भारी आवे।
विष सुधा जान सब पी जावे।।
बेटी महा शक्ति कहलावे।
इनका कोई पार न पावे।।
प्रेम नीर बहाती बेटियां।
हृदय में बसती है बेटियां।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश