Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2022 · 1 min read

$दोहे- हरियाली पर

#दोहे- हरियाली पर

हरी-भरी देखो धरा, हरे बनें अरमान।
हरियाली के नूर से, भरें सदा खलिहान।।

नैनों को आनंद दे, करे इन्हें बलवान।
हरियाली जादू लगे, हरे करो मैदान।।

हरित-क्रांति संदेश को, समझे हर इंसान।
खुशहाली भरते यहां, सुरभि लिए उद्यान।।

हरियाली ने भर दिया, नैनों में अभिराम।
स्वर्ग दिखाई दे धरा, हसीं सुबह हर शाम।।

प्रीतम पुलकित मन करे, फूलों की दास्तान।
फूलों जैसे उर खिलें, गूंजें जग में गान।।

प्रीतम हरियाली लिखे, ख़ुशियों का संदेश।
जहां रहे यह शान से, महके वही परिवेश।।

प्रीतम हर्षित उर करे, हरियाली का छोर।
हर्षित उर तो भूप हम, क्यों न चलें इस ओर।।

#आर.एस.”प्रीतम”
सर्वाधिकार सुरक्षित दोहे

Language: Hindi
1 Like · 884 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
हश्र का मंज़र
हश्र का मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
@व्हाट्सअप/फेसबुक यूँनीवर्सिटी 😊😊
@व्हाट्सअप/फेसबुक यूँनीवर्सिटी 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
तुझे पाने की तलाश में...!
तुझे पाने की तलाश में...!
singh kunwar sarvendra vikram
💐अज्ञात के प्रति-7💐
💐अज्ञात के प्रति-7💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
भारत का चाँद…
भारत का चाँद…
Anand Kumar
छोटे गाँव का लड़का था मैं
छोटे गाँव का लड़का था मैं
The_dk_poetry
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
Buddha Prakash
जल संरक्षण
जल संरक्षण
Preeti Karn
नैन
नैन
TARAN VERMA
"बीज"
Dr. Kishan tandon kranti
हे कलम
हे कलम
Kavita Chouhan
बनें सब आत्मनिर्भर तो, नहीं कोई कमी होगी।
बनें सब आत्मनिर्भर तो, नहीं कोई कमी होगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*अनकही बातें याद करके कुछ बदलाव नहीं आया है लेकिन अभी तक किस
*अनकही बातें याद करके कुछ बदलाव नहीं आया है लेकिन अभी तक किस
Shashi kala vyas
अखंड भारत कब तक?
अखंड भारत कब तक?
जय लगन कुमार हैप्पी
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
अस्तित्व
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
पल
पल
Sangeeta Beniwal
जय भोलेनाथ
जय भोलेनाथ
Anil Mishra Prahari
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
Vivek Mishra
अब उठो पार्थ हुंकार करो,
अब उठो पार्थ हुंकार करो,
अनूप अम्बर
ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए
ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए
VINOD CHAUHAN
2485.पूर्णिका
2485.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जनता के आगे बीन बजाना ठीक नहीं है
जनता के आगे बीन बजाना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
श्रावण सोमवार
श्रावण सोमवार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...