बेटियां
जब से बता दिया है उसे
नही है भेद
लड़का हो या लड़की
वह चहकने लगी है
स्कूल मे , कालेज में
सेना में, कार्यलय में
ज्ञान के बड़े बड़े प्रांगणों मे
कार्य के बड़े बड़े संस्थानो मे
वह महकने लगी है
कविता में , कहानी में
नदी धारा की रवानी में
परिवार में , समाज में
राष्ट्र की अगवानी में
रचने लगी है इतिहास
देश के हर कोने से
आने लगी है आवाज
बेटियां हमारा सब कुछ हैं
प्यार हैं , दुलार हैं
नींव हैं, आधार हैं
मान हैं,सम्मान हैं
तुलना अगर करनी हो कभी
वह भगवान्-सी भगवान् हैं।