बेटियाँ
गीत:- गर्भ में बेटी को मत मारो
तर्ज़:- गोरखपुर की जेल में बैठा
गर्भ में बेटी को मत मारो, सृष्टि यही चलायेगी,
भारत नया बनायेगी-2
इसको खुलकर के उड़ने दो, अम्बर छूकर आयेगी।
भारत नया बनायेगी-2
बेटी के होने के कारण, सारे रिश्ते-नाते हैं,
दादी, बुआ, मौसी, भाभी, बहन सभी को पाते हैं।
बेटी के बिन इन रिश्तों की, खुशबू कैसे आयेगी।।1।।
भारत नया बनायेगी-2
ग़र बेटी का जन्म न होता, तुम भी जीवन पाते न,
बेटी अगर नहीं होती तो, तुम दुनियाँ में आते न।
यूँ ही अगर बेटियाँ मारीं, नस्ल नष्ट हो जायेगी।।2।।
भारत नया बनायेगी-2
ग़र बेटी को मारोगे तो, दण्ड तुम्हें ईश्वर देगा,
जिसे देख ख़ुश होते उस, बेटे से वंचित कर देगा।
जो माँ बेटी को मारेगी, बाँझ वही हो जायेगी।।3।।
भारत नया बनायेगी-2
सृष्टि के संचालन हेतु, इसको रचा नियन्ता ने,
जन्म पूर्व ही मार दिया है, क्रूर दरिन्दे हन्ता ने।
इसकी ऐसी सज़ा मिलेगी, रूह सुनो थर्रायेगी।।4।।
भारत नया बनायेगी-2
बल, विद्या, साहस, बुद्धि में, हरगिज़ कम न होती हैं,
भीषण परिस्थिति में भी न, अपना धीरज खोती हैं।
किसी हाल में, किसी काल में, कभी नहीं घबरायेगी।।5।।
भारत नया बनायेगी-2
बेटी न बेटे से कम है, न दोहरा बर्ताव करो,
उसको भी जीने का हक है, न जीवन में घाव भरो।
“रोहित” बेटी ख़ुश होगी तो, दुनियाँ ख़ुश रह पायेगी।।6।।
भारत नया बनायेगी-2
–रोहित आर्य