झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
जिसे जाना होता है वो बेवजह को ही वजह बता के चला जायेगा,
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
फ़लसफ़े - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मुझे भी तुम्हारी तरह चाय से मुहब्बत है,
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30 न
हास्य कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
लम्हें यादों के.....
कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"
मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता:दोषी कौन
सूरत अच्छी ,नीयत खोटी दर्पण देख रहे हैं लोग ,
जीवन में मन , वाणी और कर्म से एकनिष्ठ होकर जो साधना में निरं
तुम्हारा मन दर्पण हो,वत्स
& I lost my UPSc ka admit card
दुनिया की अनोखी पुस्तक सौरभ छंद सरोवर का हुआ विमोचन
The News of Global Nation
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