Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2017 · 1 min read

बेटियाँ

क्यों मारते हो कोख में नादान बेटियाँ
इंसान को है रब का ये वरदान बेटियाँ।

बनता न घर समाज यदि होती न बेटियाँ
होती हैं ख़ानदान की पहचान बेटियाँ।

बेटे बढा़यें नाम तो इक ख़ानदान का
दोनों कुलों की हैं बढा़ती शान बेटियाँ।

हैं कल्पना,किरण अौर सुनीता ये अमृता
पत्तों पे ठहरी ओस-सी आसान बेटियाँ।

चुनकर ये शूल पथ में बिछाती प्रसून ही
माता-पिता की आबरू-अरमान बेटियाँ।

सच मानिये ये बेटियां गीता-कुरान सी
अपने वजूद से रहीं अन्जान बेटीयाँ।

1 Like · 1 Comment · 808 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
अंसार एटवी
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
Keshav kishor Kumar
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
पूर्वार्थ
हीरा
हीरा
Poonam Sharma
सजल
सजल
Rambali Mishra
अकेले हुए तो ये समझ आया
अकेले हुए तो ये समझ आया
Dheerja Sharma
भरें भंडार
भरें भंडार
Mahesh Jain 'Jyoti'
"गांव से दूर"
राकेश चौरसिया
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोहे
दोहे
seema sharma
विषय-पति परमेश्वर।
विषय-पति परमेश्वर।
Priya princess panwar
आदित्य यान L1
आदित्य यान L1
कार्तिक नितिन शर्मा
ईश ......
ईश ......
sushil sarna
जो लगा उन्हें
जो लगा उन्हें
हिमांशु Kulshrestha
नादान था मेरा बचपना
नादान था मेरा बचपना
राहुल रायकवार जज़्बाती
ग़ज़ल (वक्त तो बे *लगाम* होता ह)
ग़ज़ल (वक्त तो बे *लगाम* होता ह)
डॉक्टर रागिनी
कभी कभी कहना अच्छा होता है
कभी कभी कहना अच्छा होता है
Rekha Drolia
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भजभजन- माता के जयकारे -रचनाकार- अरविंद भारद्वाज माता के जयकारे रचनाकार अरविंद
भजभजन- माता के जयकारे -रचनाकार- अरविंद भारद्वाज माता के जयकारे रचनाकार अरविंद
अरविंद भारद्वाज
🙅कड़वा सच🙅
🙅कड़वा सच🙅
*प्रणय*
सेवा का महिमा
सेवा का महिमा
Mukund Patil
बिना कुछ कहे .....
बिना कुछ कहे .....
sushil yadav
जीत मुश्किल नहीं
जीत मुश्किल नहीं
Surinder blackpen
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
मोदी सरकार
मोदी सरकार
उमा झा
3238.*पूर्णिका*
3238.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
Rj Anand Prajapati
*अर्चन स्वीकार करो हे शिव, बारिश का जल मैं लाया हूॅं (राधेश्
*अर्चन स्वीकार करो हे शिव, बारिश का जल मैं लाया हूॅं (राधेश्
Ravi Prakash
Loading...