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5 Aug 2023 · 2 min read

ज़िंदगी क्या है ?

ज़िन्दगी क्या है ? यह सवाल ऐसा है जिसका जवाब सभी अपनी ज़िन्दगी के तजुबों और हालात के मुताबिक़ देते हैं, किसी का नज़रिया ज़िन्दगी को लेकर बहुत अच्छा होता है तो किसी का बहुत बुरा, बहरहाल यहाँ हम ये समझने का प्रयास करेंगे कि आखिर ज़िन्दगी क्या है? एक खूबसूरत एहसास या मुख्तसर सांसों के साथ मौत के आगोश में समा जाने वाली ऐसी कड़वी हकीक़त जिसे आज तक कोई झुठला नहीं सका है, सच भी जहाँ ज़िन्दगी है वहां मौत भी अपनी पूरी सच्चाई के साथ खड़ी नज़र आती है और यह ज़िन्दगी का हौसला ही होता है कि वो मौत की सच्चाई समझते हुए भी ज़िन्दगी जीना नहीं छोड़ती, ज़िन्दगी और मौत के बीच का यह फासला कभी बहुत लम्बा तो कभी बहुत मुख्तसर होता है जब तक ज़िन्दगी समझ में आती है तब तक मौत अपनी आगोश में भर चुकी होती है, इसलिए बहुत आवश्यक है कि हम अपनी ज़िन्दगी को इस तरह जियें कि दूसरों के लिए मिसाल बन जाएं केवल सांसों के चलने मात्र को तो ज़िन्दगी नहीं कहा जा सकता, इसके लिए इस ज़िन्दगी को समझना उसका सम्मान करना बहुत आवश्यक है, जो लोग ज़िन्दगी के महत्व को समझते हैं उसका सम्मान करते हैं वो सफलता का प्रतीक बन जाते हैं ऐसे लोग किसी परिचय के मोहताज नहीं होते, यह बात और है कि ऐसे लोगों की तादाद बहुत कम है भरमार तो ऐसे लोगों की है जो दुनिया में कब आते हैं और कब जाते हैं किसी को ज्ञात नहीं होता ऐसे लोगों का होना न होना बराबर होता है। बहरहाल एक अच्छी ज़िन्दगी गुज़ारने के लिए बहुत ज़रूरी है कि आप एक अच्छा इंसान बने, ज़िन्दगी में आने वाले उतार-चढ़ाव, दुःख-सुख को ज़िन्दगी का हिस्सा समझें इस बात को अच्छे से ध्यान रखें कि ज़िन्दगी चलते रहने का नाम है ठहर जाना मौत इसलिए कल को भुला कर आज में जीना सीखें अपनी जिन्दगी में अपनो और अपने निकटतम सगे-संबंधियों को प्रेम और सम्मान देने के साथ-साथ ज़रूरत पड़ने पर उनकी यथा सम्भव सहायता करने के लिए तत्पर रहें, ध्यान रहे ये रिश्ते ही होते हैं जो हमारीज़िन्दगी को भावनात्मक खुशियों से भरते ही नहीं बल्कि हमारी ज़िन्दगी को स्थिर रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसके साथ ही हर विपरीत परिस्थितियों में अपनी सोच को सकारात्मक रखें क्योंकि 90% हमारी ज़िन्दगी में दुखों का कारण हमारी नकारात्मक सोच होती है, ज़िन्दगी से लेना नहीं ज़िन्दगी को देना सीखें, दूसरों से नहीं खुद से उम्मीदें रखिए वहीं दूसरो की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास भी कीजिए आप का इन बातों का ध्यान रखना आपकी ज़िन्दगी से आपकी शिकायतों को कम ही नहीं करेगा बल्कि आपकी ज़िन्दगी को ज़िन्दगी भी बनाता है बस प्रयास आपको करना है। कि आप ज़िन्दगी के आईने में स्वयं को कैसा देखना पसंद करते हैं।
डॉ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: लेख
11 Likes · 267 Views
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