**** बेटियाँ *****
बेटियाँ बाबुल के बगीचे की शान होती हैं
बेटियाँ …बाबुल की बुलबुल .. .और
माँ ..के दिल का अरमान होती है
उसकी …चहचहाट घर-आंगन खेत-
खलियान में …लाती है रौनक
बेटियाँ …बिन मांगी मुराद होती हैं
बेटों से…..लाख होशियार.होती है
बेटियाँ…. बाबुल की जान होती है
फिर …………………भी
अपने ……ही …..घर …..में
दो ..दिन की ..मेंहमान….होती है
बेटियाँ..माँ के दिल काअरमान होती हैं
बेटियाँ माँ के दिल की फरियाद होती है
बेटियों से ग़म की राह आसान होती है
बेटियाँ…खुशियों का पैगाम होती हैं
बेटियों से ही चलता घर और वर
बेटियों से ही यह संसार चलता है
बेटियों से ही यह संसार चलता है।।
?मधुप बैरागी