Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2017 · 1 min read

बेटियाँ हैं पराई दोहराया गया

कितने नाजों से बेटी को पाला गया,
प्रेम से सींचा और संभाला गया।
लो आ गयी निष्ठुर विदाई की घडी,
गले मिलके कितना रुलाया गया।
आँख भर आयी मेरी तो ये देखकर,
अपने घर में ही पराया बनाया गया।
डरते -डरते कदम रखे थे ससुराल में,
तू पराये घर से आयी वहां ये सुनाया गया।
छोटी सी गलती भी यहाँ अपराध है,
हर बात पर कितना सताया गया।
आँख झिलमिलाई पीहर में माँ देखकर,
बेटियाँ हैं परायी दोहराया गया।

312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यादों के झरने
यादों के झरने
Sidhartha Mishra
"Don't be fooled by fancy appearances, for true substance li
Manisha Manjari
3127.*पूर्णिका*
3127.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मंजिलें
मंजिलें
Santosh Shrivastava
Armano me sajaya rakha jisse,
Armano me sajaya rakha jisse,
Sakshi Tripathi
शराफत नहीं अच्छी
शराफत नहीं अच्छी
VINOD CHAUHAN
चार लोग क्या कहेंगे?
चार लोग क्या कहेंगे?
करन ''केसरा''
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
■सियासी फार्मूला■
■सियासी फार्मूला■
*Author प्रणय प्रभात*
'आभार' हिन्दी ग़ज़ल
'आभार' हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिंदगी की कहानी लिखने में
जिंदगी की कहानी लिखने में
Shweta Soni
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
कार्तिक नितिन शर्मा
जब हासिल हो जाए तो सब ख़ाक़ बराबर है
जब हासिल हो जाए तो सब ख़ाक़ बराबर है
Vishal babu (vishu)
नारी
नारी
Mamta Rani
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
पिता का पता
पिता का पता
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"बन्धन"
Dr. Kishan tandon kranti
ज्ञात हो
ज्ञात हो
Dr fauzia Naseem shad
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सार्थक जीवन
सार्थक जीवन
Shyam Sundar Subramanian
दुआ सलाम
दुआ सलाम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रेम पथ का एक रोड़ा 🛣️🌵🌬️
प्रेम पथ का एक रोड़ा 🛣️🌵🌬️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
Rj Anand Prajapati
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सुख मेरा..!
सुख मेरा..!
Hanuman Ramawat
कहा किसी ने
कहा किसी ने
Surinder blackpen
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Help Each Other
Help Each Other
Dhriti Mishra
Loading...