बेटा बेटी है एक समान
बेटा बेटी जग में है एक समान,
दोनो ही करते जग का निर्माण।
अगर बेटा तन है तो बेटी मन है,
अगर बेटा अंश है तो बेटी अंश है।
अगर बेटा प्राण है तो बेटी जान है ,
अगर बेटा शान है तो बेटी गुमाना है।
अगर बेटा वारिस है तो बेटी पारस है,
अगर बेटा संस्कार है तो बेटी संस्कृति है।
अगर बेटा भाग्य है तो बेटी विधाता है,
अगर बेटा दवा है तो बेटी दुआ है।
अगर बेटा शब्द है तो बेटी अर्थ है,
अगर बेटा माया है तो बेटी काया है।
अगर बेटा गीत है तो बेटी संगीत है,
अगर बेटा प्रेम है तो बेटी पूजा है।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम