@(बुद्धिमता)@ 26.04.2022
@(बुद्धिमता)@
26.04.2022
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बुद्धिमता किसी व्यक्ति के तार्किक चिंतन करने की क्षमता को दर्शाता है। बुद्धिमता हमारे ज्ञान , समझ , चातुर्य, योग्यता, श्रेष्ठता को प्रदर्शित करता है बुद्धिमता अमूर्त होती है, जिसे न स्पर्श कर सकते हैं, न देभख सकते हैं केवल व्यक्ति के व्यवहार को देख कर ही उसे जाना जा सकता है। बुद्धिमान व्यक्ति वातावरण के साथ समायोजन की क्षमता रखता है। अपने ज्ञान और समझ तथा योग्यता के आधार पर वह हर परिस्थिति में अपनी क्षमता प्रमाणित करता है। वह नवीन बातों को शीघ्र समझ लेता है और आत्मसात कर लेता है। अपने अनुभव से लाभ उठाने की योग्यता बुद्धिमान व्यक्ति में होती है। व्यक्ति उतना ही बुद्धिमान होता है जितनी उसके अमूर्त चिंतन की योग्यता है। बुद्धिमान व्यक्ति अपनी बुद्धिमता और व्यवहार के कारण अपने गुणों की पहचान कराता है। उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति के द्वारा इमानदारी पूर्वक किया गया कोई कार्य उसका ईमानदार होने का परिचय देता है। विपरीत परिस्थितियों में अपनी समझ के अनुरूप स्वयं को ढाल लेना तथा अपने अनुभव के आधार पर लाभ उठाना भी बुद्धिमान व्यक्ति का गुण है। वह अपने अनुभवों से सफल जीवन का सिंचन करता है तथा उसे प्रगतिशील बनाता है । बुद्धिमान व्यक्ति जीवन जीने की कला सीख जाता है। घर, परिवार ,समाज में उसकी भूमिका अनुकरणीय बन जाती है। बुद्धिमान व्यक्ति जानता है कि शत्रु का बल कैसे क्षीण किया जा सकता है। समय की जांच परख वह अपने तुजुर्बों से करता है। बुद्धिमान व्यक्ति का व्यवहार ही उसके लिए सबसे बड़ा संबल बन जाता है। अतः बुद्धिमत्ता व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता का परिचय देती है ,जो किसी वस्तु को, विषय को यथाशीघ्र सीख लेता है ,उसे समझ लेता है, उसमें तर्क वितर्क करने की योग्यता होती है ,विश्लेषण करने की क्षमता होती है। जीवन में आने वाली समस्याओं से वह विचलित नहीं होता बल्कि उनका समाधान यथार्थ पूर्ण कर लेता है। सभा समूह में बैठे हुए ऐसे व्यक्ति अपने अच्छे व्यवहार से प्रभावशाली व्यक्तित्व की छाप छोड़ते हैं । सकारात्मक सोच भी बुद्धिमान व्यक्ति की विशेषता होती है।
धन्यवाद
शीला सिंह
बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।🙏