बुंदेली_दोहा बिषय- गरी (#शनारियल)
बुंदेली दोहा बिषय- गरी (नारियल)
1
#राना फौरे नारियल , निकरी गरी चढ़ात |
फिर परसादी बाँटतइ , सबरै मुड़ी झुकात ||
2
गरी मिलत मेवा बनें , नैंगचार जब हौय |
औली बिटियाँ की भरत , #राना वर की सौय ||
3
जीखौं कात किनायनौ , #राना गरी मिलात |
डारत हैं मिष्ठान में , स्वाद अलग से आत ||
4
तेल गरी कौ चीकनौं , #राना खूब लगात |
चिकटत नइयाँ बार है , साँसी बात बतात ||
5
धागा की निसरी मिलै , #राना दानेदार |
गरी मिला कै खाव जू , बढ़े बदन कौ भार ||
( धागा डालकर एक निसरी बनाई जाती है , जो स्वाद में भी कुछ अलग होती है )
6
#राना चिकनइ तन मिलै , गरी खात जौ लोग |
साठ मिनिट में दूर हौ , कंडियाइ कौ रोग ||
***दिनांक-7-1-2023
(कंडियाइ = लघुशंका में जलन होना इत्यादि )
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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