बुंदेली दोहे- रमतूला
बुंदेली दोहा बिषय:- रमतूला
#राना रमतूला सुनौ , बुंदेलन की शान |
सदा बजत शुभ काज में , करकैं तूँ तूँ गान ||
#राना रमतूला बजै , जानत सबरौ गाँव |
लग गइ सुनौ बरात है , सबरै मिलकै आँव ||
आगें रमतूला बजै , पाछै चलत बरात |
दिलदिल घोड़ी भी नचत, #राना भौत सुहात ||
वाद्ययंत्र यह जानियौ , बुंदेली मशहूर |
तूँ -तूँ की आबाज भी , #राना जातइ दूर ||
दूला रमतूला सुनै , मन में बौ मुस्कात |
चढ़नें घोड़ा पै अबइँ , #राना लगै बरात ||
धना कात #राना सुनौ ,जब तुम ब्हाअन आयँ |
रमतूला तुम काय नँइँ ,पैठाई में लायँ ||
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@राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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