*बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार (कुंडलिया)*
बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार (कुंडलिया)
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बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार
नई-नई बीमारियॉं, करतीं नए प्रहार
करतीं नए प्रहार, नहीं कब्जे में आतीं
करतीं चकनाचूर, देह से मगर न जातीं
कहते रवि कविराय, चिकित्सा-पद्धति हारी
हुए गुणीजन फेल, नहीं हारी बीमारी
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451