बिना रुके रहो, चलते रहो,
बिना रुके रहो, चलते रहो,
जीवन की यात्रा में बनते रहो।
राहों में मिलेंगे मंजिलें नई,
हर कदम पर नई कहानियाँ साथ लाई।
चुपचाप नहीं, बोलते रहो गीत,
हर संघर्ष को साहस से हारो मीत।
कल की चिंगारी से सीखो नया,
आज को सजाओ, नई उम्मीद की छाया।
संगीत की तरह बजती रहे जिंदगी,
दुःख को भी स्वीकारो, खुशियों की भी।
एक नई रंगिनी में भरो अपनी कलम,
सचाई की राह पर चलते रहो संग।
चलते रहे रहो में,जीवन की यात्रा में।
रास्ते अनजान, पर मंजिल मिलेगी,
संघर्षों से भरा, फिर भी खुशियाँ होंगी।
राहों में हो रौशनी,सपनों की बहार मिलेगी।