Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2020 · 1 min read

बिटिया होती प्यारी…

बिटिया होती प्यारी,
घर की राज दुलारी,
घर आँगन महकते,
जब उसके कदम पड़ते,
लक्ष्मी का वह रूप है,
देखो सुंदर स्वरूप हैं,
जब गुड़िया चलती हैं,
धरा भी छूने को मचलती हैं,
कितना ही दर्द हो,
चाहे मौसम सर्द हो,
सुनकर मीठी बोली,
खुशियों से भर जाती झोली,
देखने उसकी मुस्कान,
रुक जाता हैं जहान,
बिटिया हैं अनमोल रत्न,
मिला प्रसाद जब हुए लाख यत्न,
दो परिवारों को जोड़ती,
कितना कुछ वह छोड़ती,
हर रिश्ते को खूब निभाती,
बिटिया मेरी मुझको चाहती,
मेरे दिल का टुकड़ा,
मुझसे रहता सदा जुड़ा,
प्रेम से मैंने उसको सींचा,
खुश रहें सदा यही मैंने सोचा,
बेटा बेटी में भेद नहीं,
बेटी बेटों से कम नहीं,
मत कीजिए कोई भेदभाव,
कभी न कीजिए मोल भाव,
बिटिया होती प्यारी,
घर की राज दुलारी,..
——जेपीएल

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
ज़िंदगी में अपना पराया
ज़िंदगी में अपना पराया
नेताम आर सी
कर्बला की मिट्टी
कर्बला की मिट्टी
Paras Nath Jha
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बंटते हिन्दू बंटता देश
बंटते हिन्दू बंटता देश
विजय कुमार अग्रवाल
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
अरुणोदय
अरुणोदय
Manju Singh
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Rajni kapoor
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मन के घाव
मन के घाव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*तू ही  पूजा  तू ही खुदा*
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
#मैथिली_हाइकु
#मैथिली_हाइकु
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कांटों में क्यूं पनाह दी
कांटों में क्यूं पनाह दी
Surinder blackpen
अपना मन
अपना मन
Neeraj Agarwal
गेंदबाज़ी को
गेंदबाज़ी को
*Author प्रणय प्रभात*
तौबा ! कैसा यह रिवाज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
ओनिका सेतिया 'अनु '
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Surya Barman
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
कार्तिक नितिन शर्मा
हूं बहारों का मौसम
हूं बहारों का मौसम
साहित्य गौरव
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
shabina. Naaz
ज़िंदगी तज्रुबा वो देती है
ज़िंदगी तज्रुबा वो देती है
Dr fauzia Naseem shad
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
Dr. Man Mohan Krishna
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
Phool gufran
कर्मवीर भारत...
कर्मवीर भारत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
surenderpal vaidya
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
"नींद की तलाश"
Pushpraj Anant
Loading...