बिछडन..
अजीब इत्तेफाक है’जिन्दगी का
तुम मिले भी तो बिछडने के लिये…
दो पल साथ था अपना’
सदिया गुजर गयी मुद्दत हुए…
कल वक्त न था हमे तुम्हारे लिये
आज वक्त ठहरा है..बस तुम्हारे लिये…..
बहती हवा भी खुशबु साथ तेरा लाती है
जब हुए तनहा तो यादे सताती है…….
नाम लेकर मेरा जब भी पुकारता है कोई..
तेरी यादे भरी महफील मे तनहा कर जाती हैं…