बिखरे सपने
महीने की पहली तारीख
उसे तनख्वाह मिली थी
तेजी से कदम बढ़ाता
वह सोचता चला जा रहा था
माँ की दवा और फल
बिट्टू के लिए चाकलेट
मुनिया के लिए नयी फ्राक
पत्नी की साड़ी .. ..
पीछे से आता एक ट्रक
तेजी से उसे
रौंदकर निकल गया
और – एक ही झटके में
बिखर गये
उसके सारे सपने।
वर्ष : – २०१३