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13 Feb 2021 · 1 min read

बिखरना नहीं है तुझको ……….जिन्दगी – ग़ज़ल

बिखरना नहीं है तुझको ……….जिन्दगी

बिखरना नहीं है तुझको , संभलना है जिन्दगी

गिरना नहीं है तुझको, उठना है जिन्दगी

आंसुओं में डूबना नहीं , चहचहाना है जिन्दगी

टूटना नहीं है तुझको , संवरना है जिन्दगी

फिसलना नहीं है तुझको, ठहरना है जिन्दगी

चाहतों में उलझना नहीं है तुझको, मुक्त होना है जिन्दगी

घबराना नहीं है तुझको, संघर्ष करना है जिन्दगी

भटकना नहीं है तुझको, संवरना है जिन्दगी

डरना नहीं है लहरों से , पार जाना है जिन्दगी

चाँद तारों की आरज़ू नहीं, एक आसमां सजाना है जिन्दगी

बिखरने नहीं देना है आशाओं को, सपनों का समंदर सजाना है जिन्दगी

सपनों को बिखरने नहीं देना है, खुशनुमा आशियाँ रोशन करना है जिन्दगी

चीरकर अँधेरा तुझको , आगे बढ़ना है जिन्दगी

खिलाना है प्यार का उपवन, रोशन करना है जिन्दगी

पीर मिटाना है खुदा के बन्दों की, इंसानियत का ज़ज्बा जगाना है जिन्दगी

खुदा की राह पर मिट जाना है , उसका शागिर्द हो जाना है जिन्दगी

1 Like · 8 Comments · 302 Views
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