बाह्य मूल्यांकन
बाह्य मूल्यांकन
कोट-पैंट टाई ने
बाह्य व्यक्तित्व
बना दिया आकर्षक
गिटपिट भाषा ने
बना दिया
इक्किसवीं शदी का
लेकिन अंदर
आदमी था वही
पंद्रहवीं सत्रहवीं
शदी पुराना
वर्णाश्रम के
सांचे में ढला
जातिवाद की
भट्ठी में पका
पितृ सत्ता का
प्रबल समर्थक
बाह्य आवरण से
नहीं किया जा सकता
व्यक्ति का मूल्यांकन
-विनोद सिल्ला©