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15 May 2024 · 1 min read

बावरा मन

रे मन बावरे ये बता
तू इतना तड़पाता क्यों है?
फूल सी जिंदगी में
कांटे बरसाता क्यों है?

क्षणिक सी दुनिया के छलावे पर
अपना हक जताता क्यों है?
मुफलिसी में भी खुशदिल रहे
बार बार ये समझाता क्यों है?

ज़रा सी प्रशंसा में बिक कर
इतना इतराता क्यों है?
चोट लगती है जब अंतर्मन में
इतना हड़बड़ाता क्यों है?

बात भी, बेबात भी बस ये बता
तू इतना सताता क्यों है?
ये जिन्दगी तेरी गुलाम है क्या
अपना हक जताता क्यों है?

रे मन बावरे ये बता
तू इतना तड़पाता क्यों है?
फूल सी जिंदगी में
कांटे बरसाता क्यों है?

Language: Hindi
59 Views

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