बाल दिवस –आर के रस्तोगी
बाल दिवस के नाम पर,क्यों गलत इतिहास पढाया जाता है ?
आज नेहरु के नाम पर,क्यों अब बाल दिवस मनाया जाता है ?
कुछ चाटुकार इतिहासकारों ने,नेहरु को चाचा बताया था |
वे बच्चो को प्यारे थे,इसलिए बाल दिवस मनवाया था ||
इन चाटुकारों ने एक को राष्ट पिता, एक को राष्ट चाचा बनाया था |
अगर वे राष्ट पिता थे,फिर धर्म के नाम पर क्यों बटवारा कराया था ||
विदेशो में पढ़े ये नेहरु,विदेशी सभ्यता से वे खूब रंग हुये थे |
पैरिस में कपड़े धुलवाते थे,दिखावे को खद्दरधारी बने हुये थे ||
गाँधी को तुमने बापू माना है,फिर माँ को किसको तुमने माना है ?
माँ तो केवल एक भारत माता है,जिसको जाने सारा जमाना है ||
नेहरु ने पुस्तको में लिखा था,हिन्दू बाहर से आये थे |
मै पूछता नेहरु से,फिर तुम भी कही बाहर से आये थे ||
अगर बाल दिवस मनाना है तो,उन बच्चो का मनाओ तुम |
जो दीवारों में जिन्दा चिने गये थे,मरने का न था उनको गम ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम