बाल कविता: तितली
बाल कविता: तितली
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चंचल तितली बड़ी मतवाली,
रंग- बिरंगे पंखों वाली।
लगती सुंदर प्यारी प्यारी,
उड़ती फिरती न्यारी न्यारी।
बाग बगीचे में रहती है,
बैठ फूल पर रस पीती है।
हाथ लगाओ उड़ जाती है,
सबके मन को भा जाती है।
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स्वरचित कविता 📝
✍️रचनाकार:
राजेश कुमार अर्जुन